कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (वीआरडीएल) को बड़ी सफलता मिली है। इसे नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा मेडिकल लेबोरेटरी के लिए आईएसओ 15189ः2012 मानकों के तहत मान्यता प्रदान की गई है। यह मान्यता प्रयोगशाला की गुणवत्ता, सटीकता, नैदानिक सेवाओं और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए दी गई है। वीआरडीएल ने वायरल रोगों की निगरानी और निदान में अहम भूमिका निभाई है, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान। शनिवार को वीआरडीएल के प्रधान अन्वेषक प्रो. गोपाल नाथ ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रयोगशाला ने लगभग नौ लाख जांच कीं। पिछले डेढ़ वर्ष में वीआरडीएल ने डेंगू, कोविड, जापानी एन्सेफेलाइटिस जैसे 8000 परीक्षण किए हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय पूरी वैज्ञानिक और तकनीकी टीम को दिया, जिनमें प्रो. प्रद्योत प्रकाश (सह-प्रधान अन्वेषक), डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डॉ. अलका शुक्ला, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. मयंक गंगवार, दीपक कुमार, सोनम रस्तोगी, दिग्विजय सिंह, पंकज कुमार, आशीष आर. सिंह, और अजय कुमार शामिल हैं। एनएबीएल मान्यता मिलने से बीएचयू की प्रयोगशाला की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता और बढ़ी है, और यह जन स्वास्थ्य सेवाओं में मानक बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को साबित करती है। इस उपलब्धि पर बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.एन. शंखवार ने टीम के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह प्रयोगशाला जन स्वास्थ्य की आवश्यकताओं को पूरा करने में निरंतर उन्नति करती रहेगी। यह उपलब्धि बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के लिए एक बड़ी सम्मान की बात है और यह देश में और विदेश में की गई जांचों को मान्यता प्रदान करेगी।