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श्रवण कुमार की जीवित मिसाल: मां को कंधे पर बैठाकर राणा प्रताप सिंह पहुंचे काशी

बिहार के कैमूर निवासी राणा प्रताप सिंह ने गुरु पूर्णिमा पर 90 वर्षीय मां को कंधे पर उठाकर काशी लाकर गंगा स्नान कराया और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करवाए। लोगों ने उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहा।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: July 10, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

बिहार के कैमूर जिले के निवासी राणा प्रताप सिंह ने मां-बेटे के रिश्ते और सेवा-भाव की ऐसी मिसाल पेश की है, जो लोगों के दिल को छू गई। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर राणा प्रताप सिंह अपनी 90 वर्षीय मां को कंधे पर बैठाकर काशी लाए। उन्होंने गंगा घाट पर मां को स्नान करवाया और फिर बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन-पूजन कराया।राणा प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पिता का निधन इसी वर्ष 11 अप्रैल को हुआ था। उसी दिन उन्होंने संकल्प लिया कि अब वे हर पूर्णिमा के दिन अपनी मां को काशी लाकर गंगा स्नान कराएंगे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करवाएंगे। उन्होंने कहा माता-पिता हमारे पहले गुरु होते हैं। उनके ऋण से कोई उऋण नहीं हो सकता। आज गुरु पूर्णिमा है और इससे बड़ा कोई दिन नहीं हो सकता मां की सेवा करने का।” उनका यह समर्पण देखकर गंगा घाट पर उपस्थित लोग भावुक हो उठे। सभी ने उनके चरण स्पर्श किए और उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहा। कई लोगों ने उनकी इस सेवा-भावना को मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया। राणा प्रताप सिंह ने भावुक होकर कहा आज के समय में कई लोग अपने माता-पिता को बोझ मानते हैं और वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं, लेकिन असली धर्म तो माता-पिता की सेवा में ही है। तीर्थ यात्रा केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि अपने माता-पिता को स्नेह और सम्मान देने का सशक्त माध्यम है। उनकी यह सेवा और भक्ति भाव न केवल एक बेटे के कर्तव्य का उदाहरण है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायी संदेश भी है।

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