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कलीनगर क्षेत्र में स्कूल विलय नीति के खिलाफ ग्राम प्रधान की आवाज, बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंता

कलीनगर क्षेत्र के मथना जप्ती गांव में अभिभावकों और ग्राम प्रधान ने प्राथमिक विद्यालय के विलय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की, जिसमें बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा पर सवाल उठाए गए हैं।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: July 2, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क। 

पीलीभीत के कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव मथना जप्ती में परिषदीय स्कूल के विलय के विरोध में बुधवार को अभिभावकों ने प्रदर्शन कर डीएम को शिकायती पत्र दिया है।उन्होंने अपने बच्चों को दूसरे स्कूल में न भेजने की चेतावनी दी प्राथमिक विद्यालय मथना जप्ती का विलय प्राथमिक विद्यालय रानीगंज में किया गया है। इस आदेश का विरोध दर्ज करते हुए। स्कूल सड़क के समीप स्थित है। पूरा क्षेत्र जंगल का है। जिससे जंगली जानवरों बाध का खतरा हर समय रहता है। प्राथमिक विद्यालय मथना जप्ती जंगल किनारे बसे गाँव पुरैनीदीप नगर से भी बच्चे पंजीकृत है। जो कि पहले ही दो किलोमीट पैदल चलकर आते हैं। उनके लिए तो प्राथमिक विद्यालय रानीगंज लगभग 4 किलोमीटर पड़ जायेगा 6 से 7 साल का बच्चा 4 किलोमीटर पैदल चलकर कैसे वहाँ तक पहुंचेगा। और इन सब बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय मथना जप्ती सबसे सुलभ शिक्षा केन्द्र हैं।और इसके साथ ही लोक सभा एवं विधान सभा के तीनों पोलिंग बूथ भी मथना जप्ती मे ही है परिषदीय स्कूलों के विलय का विरोध शुरू हो गया है। अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा बंद कराने की बात कही मथना जप्ती में प्रधान व ग्रामवासियों ने सरकारी विद्यालयों के विलय के विरोध में आवाज उठाई है। बुद्धवार को उन्होंने जिलाधिकारी को एक पत्र सौंपा।और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में बड़ी संख्या में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को एकतरफा तरीके से बंद किया जा रहा है। और कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। बल्कि गरीब,दलित,पिछड़े और ग्रामीण तबकों के बच्चों के भविष्य के साथ भी खुला खिलवाड़ है। शिक्षा के अधिकार से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार से विलय नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की है

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