कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क ।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है, और इस बार दिल्ली की सियासत में बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच मुख्य संघर्ष होने की संभावना है। इस चुनावी माहौल में हंगामे और विवादों के बावजूद सभी प्रमुख पार्टियाँ चुनावी रण में कूद चुकी हैं, और अपने-अपने प्रत्याशियों, रणनीतियों और मुद्दों पर जोर दे रही हैं।
1. आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनावी तैयारियाँ
आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 का चुनावी अभियान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी ने पिछले चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने दिल्ली के विकास मॉडल को प्रचारित करने की पूरी कोशिश की है, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और मुफ्त बिजली-पानी जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी जा रही है।
• मुख्य मुद्दे: AAP के लिए इस बार भी शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के सुरक्षा जैसे मुद्दे प्राथमिकता पर हैं। पार्टी दावा कर रही है कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार के उनके प्रयासों से आम आदमी को सीधा लाभ हुआ है।
• प्रचार अभियान: केजरीवाल सरकार ने ‘दिल्ली मॉडल’ को लेकर राज्यभर में प्रचार अभियान तेज कर दिया है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर जोर दिया जा रहा है।
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चुनावी रणनीति
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में अपनी सत्ता वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। पार्टी ने इस बार दिल्ली में अपना पूरा फोकस केंद्रीय योजनाओं, विकास कार्यों और हिंदू मतदाता आधार पर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे नेता दिल्ली में चुनावी प्रचार कर रहे हैं।
• मुख्य मुद्दे: भाजपा ने दिल्ली में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी और कानून व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा बनाया है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने केवल ‘जहरीली राजनीति’ की है और असली विकास की आवश्यकता है।
• हिंदू मतदाताओं पर ध्यान: भाजपा ने अपने अभियान में दिल्ली के हिंदू मतदाताओं को केंद्रित किया है, खासकर राजधानी में धार्मिक मुद्दों के जरिए अपना संदेश देने की कोशिश की है।
3. कांग्रेस की चुनौतीपूर्ण स्थिति
कांग्रेस के लिए दिल्ली में 2024 का चुनाव एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि पार्टी ने पिछले चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था। हालांकि, कांग्रेस ने अब इस चुनाव के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है और दिल्ली में वापसी की कोशिश कर रही है।
• मुख्य मुद्दे: कांग्रेस ने दिल्ली में बेरोज़गारी, महंगाई और किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। पार्टी ने दावा किया है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो वह जनता के मुद्दों को प्राथमिकता देगी।
• पार्टी की रणनीति: पार्टी ने चुनाव प्रचार में अपना पूरा ध्यान दिल्ली के गरीब और मिडिल क्लास वोटरों पर लगाया है।
4. चुनाव प्रचार और रैलियाँ
दिल्ली चुनाव 2024 में प्रचार अभियान अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। AAP, BJP और कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली की गलियों में चुनावी रैलियाँ और रोड शो कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मनीष सिसोदिया, और अन्य प्रमुख नेता दिल्ली के विभिन्न इलाकों में दौरे कर रहे हैं, ताकि वोटरों से सीधे संपर्क किया जा सके।
• सोशल मीडिया का प्रभाव: इस बार सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रचार का बहुत बड़ा असर होगा। AAP, BJP और कांग्रेस सभी अपनी सोशल मीडिया टीमों के जरिए चुनावी प्रचार में सक्रिय हैं। खासकर AAP ने डिजिटल मीडिया के माध्यम से युवा मतदाताओं तक अपनी पहुँच बनाने की योजना बनाई है।
5. दिल्ली में सियासी बवाल और विवाद
चुनाव से पहले दिल्ली की राजनीति में कई विवाद भी सामने आए हैं। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस, जो पहले से ही कमजोर स्थिति में है, अब भाजपा और AAP दोनों के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश कर रही है।
• महंगाई और बेरोज़गारी: दिल्ली के मतदाता इन मुद्दों को लेकर काफी चिंतित हैं, और विपक्षी दल इसे मुद्दा बना रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियाँ AAP सरकार पर महंगाई और बेरोज़गारी को न रोक पाने का आरोप लगा रही हैं।
• कानून व्यवस्था: दिल्ली में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर भी सियासी बयानबाजी तेज है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दिल्ली पुलिस के मुद्दे को उठाया है और दिल्ली की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
6. दिल्ली के युवा वोटरों का महत्व
दिल्ली के युवा मतदाता इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। AAP ने पहले ही शिक्षा और रोजगार के मुद्दों को लेकर दिल्ली के युवा वर्ग से समर्थन मांगा है। वहीं, भाजपा भी युवा वर्ग के बीच अपनी ताकत बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर सक्रिय है। कांग्रेस भी युवा मुद्दों को लेकर अपने प्रचार को मजबूत कर रही है, हालांकि पार्टी की स्थिति इस क्षेत्र में अभी तक कमजोर रही है।
7. चुनावी सर्वे और भविष्यवाणियाँ
वर्तमान में कुछ चुनावी सर्वे और अनुमानों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने शासन को बरकरार रखने के लिए सबसे मजबूत स्थिति में है। हालांकि, भाजपा अपनी स्थिति को सुधारने की कोशिश में जुटी है और कांग्रेस को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी, AAP और कांग्रेस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। महंगाई, बेरोज़गारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चुनावी बयानों और रणनीतियों का टकराव होगा। चुनावी माहौल में हलचल के बावजूद यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव का परिणाम क्या होगा, लेकिन यह तय है कि दिल्ली में इस बार एक रोमांचक और तनावपूर्ण चुनावी मुकाबला होगा।