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बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SIR प्रक्रिया जारी रखने की मिली अनुमति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों के बावजूद चुनाव आयोग को राहत मिली है और प्रक्रिया जारी रहेगी।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: July 10, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिससे चुनाव आयोग को बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और गोपाल शंकर नारायण ने इसे संविधान और चुनाव नियमों के विरुद्ध बताया, लेकिन अदालत ने फिलहाल SIR पर रोक नहीं लगाई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह जरूर कहा कि दस्तावेजों की सूची अंतिम नहीं मानी जा सकती और चुनाव आयोग को आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को पहचान के तौर पर स्वीकार करने पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि 2025 में जिनके नाम वर्तमान मतदाता सूची में दर्ज हैं, क्या उन्हें वोट डालने की अनुमति होगी? इस पर आयोग ने स्पष्ट किया कि नाम जुड़े रहने पर वे वोट डाल सकते हैं, लेकिन फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह पुनरीक्षण प्रक्रिया एकतरफा और भेदभावपूर्ण है, और इससे करोड़ों मतदाताओं का नाम सूची से हट सकता है। वहीं आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और सभी को समान अवसर दिया जा रहा है। कोर्ट ने इस पर फिलहाल कोई अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया और कहा कि चुनाव आयोग अपना जवाब दाखिल करे। अब इस मामले में आगे की सुनवाई अगली तारीख पर होगी।

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