कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शिक्षा विभाग को बंद करने की राह में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें शिक्षा विभाग के 1,400 कर्मचारियों को फिर से बहाल करने को कहा गया था। इस फैसले ने ट्रंप को विभाग को पूरी तरह खत्म करने की कानूनी छूट दे दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के तीन उदारवादी जजों सोनिया सोतोमायोर, एलेना कागन और केतांजी ब्राउन जैक्सन ने इस फैसले का विरोध किया। जस्टिस सोतोमायोर ने इसे “बर्दाश्त से बाहर” करार देते हुए कहा कि इससे राष्ट्रपति को कानूनों को निष्प्रभावी करने की ताकत मिलती है।
ट्रंप क्यों करना चाहते हैं शिक्षा विभाग को बंद?
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने शिक्षा के "विकेंद्रीकरण" की बात कही थी, जिसके तहत शिक्षा का नियंत्रण संघीय सरकार से हटाकर राज्यों को सौंपा जाएगा। रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता लंबे समय से इस दिशा में काम कर रहे हैं।
क्या कहा था निचली अदालत ने?
बॉस्टन की जिला अदालत ने मई में फैसला देते हुए कहा था कि इतने कर्मचारियों की छंटनी से शिक्षा विभाग लगभग पंगु हो जाएगा। कोर्ट ने चेताया कि यह विभाग को खत्म करने की सोची-समझी रणनीति है।
अब क्या होगा?
इस फैसले से ट्रंप को न केवल शिक्षा विभाग, बल्कि अन्य संघीय एजेंसियों को भी खत्म करने की कानूनी शक्ति मिल गई है, जिससे अमेरिकी प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव संभव है। हालांकि, डेमोक्रेटिक राज्य और शिक्षक संघ इस फैसले को चुनौती देने के लिए आगे की कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।