कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। आंबेडकर जयंती के मौके पर भारतीय राजनीति में एक नया सियासी विवाद उभर आया है, जिसे लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आमने-सामने हैं। विवाद का कारण डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान और उनके योगदान को लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी है।
कांग्रेस पार्टी ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आंबेडकर के योगदान को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी आंबेडकर के विचारों और उनके योगदान को सही ढंग से सम्मान नहीं दे रही है, और उन्हें राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी आंबेडकर के संदेशों को नजरअंदाज कर रही है, जबकि पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनकी छवि का इस्तेमाल कर रही है।
वहीं, बीजेपी ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि आंबेडकर के विचारों को सम्मान देना उनकी पार्टी की प्राथमिकता रही है। बीजेपी नेताओं का कहना था कि वे आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और पार्टी ने हमेशा उनके योगदान को महत्व दिया है। बीजेपी ने यह भी कहा कि कांग्रेस की आलोचनाएं राजनीति से प्रेरित हैं और उनका उद्देश्य केवल आंबेडकर की छवि को विवादित करना है।
इस विवाद के बीच, सांसदों ने संसद परिसर में आंबेडकर के योगदान को लेकर शांति से चर्चा की और दोनों दलों के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर आरोप लगाए। कांग्रेस का कहना है कि आंबेडकर ने जो संविधान और सामाजिक न्याय के सिद्धांत दिए, उन्हें बीजेपी केवल अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए इस्तेमाल कर रही है। वहीं, बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस आंबेडकर की नीतियों को सिर्फ अपने लाभ के लिए ही बढ़ावा देती रही है, लेकिन असल में उसे उनके विचारों को सही से लागू करने में कभी रुचि नहीं रही। यह सियासी घमासान आंबेडकर की जयंती के मौके पर हुआ है, जो समाज में दलित समुदाय के अधिकारों और उनके योगदान को लेकर अक्सर चर्चा का विषय बनता है। दोनों दलों के बीच यह विवाद अब देशभर में चर्चा का केंद्र बन चुका है।