कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार ने विपक्षी नेताओं से कोई बातचीत नहीं की और इसे एकतरफा तरीके से तय किया गया। खासकर, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे चयन समिति का हिस्सा होने के बावजूद कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में सरकार ने उनसे कोई परामर्श नहीं किया।
NHRC अध्यक्ष की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह आयोग मानवाधिकारों की रक्षा और उल्लंघन के मामलों की जांच करता है। कांग्रेस का यह आरोप है कि सरकार ने इस महत्वपूर्ण नियुक्ति में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी दिखाई है। राहुल गांधी और खरगे को चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया था, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में उनका कोई प्रभावी योगदान नहीं हुआ। यह राजनीतिक आरोप इस बात को लेकर हैं कि सरकार ने इस नियुक्ति को एकतरफा तरीके से किया और इसके पीछे विपक्ष की राय को नजरअंदाज किया। ऐसे मुद्दों पर अक्सर राजनीति गर्म हो जाती है, क्योंकि यह दिखाता है कि सरकार के फैसले में किस हद तक विपक्षी दलों को शामिल किया जाता है और कितना ध्यान रखा जाता है।