कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। भारत के संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान ने हंगामा मचा दिया। खरगे ने संसद में एक बयान में कहा, “क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोक देंगे…” इस बयान के बाद राज्यसभा में तीखी नारेबाजी और हंगामा शुरू हो गया।
मुख्य बातें:
1. खरगे का बयान: मल्लिकार्जुन खरगे ने यह बयान उन मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया था, जिन पर विपक्षी दल सरकार से सवाल उठा रहे थे। उनका इशारा इस बात की ओर था कि वे सरकार के खिलाफ अपने विरोध को मजबूत तरीके से उठाएंगे।
2. हंगामा: खरगे के इस बयान को लेकर भाजपा और अन्य सत्तारूढ़ दलों के सांसदों ने विरोध किया, और राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ। सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य इसे असंसदीय और आपत्तिजनक मान रहे थे।
3. विपक्ष का तर्क: विपक्ष ने इस बयान को इस तरह से लिया कि यह उनकी विरोधी आवाज को दबाने के लिए धमकी का रूप ले सकता है। विपक्षी नेताओं ने इस बयान की आलोचना की और इसे लोकतंत्र के लिए खतरे की तरह देखा।
4. संसदीय व्यवहार: राज्यसभा में इस तरह के विवाद और हंगामे से यह स्पष्ट हो गया कि संसद में असहमति और विरोध के दौरान असंसदीय शब्दों और बयानों के उपयोग को लेकर गंभीर मुद्दे उठ रहे हैं।
5. सत्तारूढ़ पक्ष की प्रतिक्रिया: भाजपा ने इस बयान को कड़ी निंदा करते हुए कहा कि विपक्षी नेता द्वारा इस तरह की धमकीपूर्ण भाषा का उपयोग ठीक नहीं है और इसे संसदीय मर्यादा के खिलाफ माना जा रहा है।
यह घटना इस बात को उजागर करती है कि भारतीय संसद में विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच की राजनीतिक तनातनी और बयानबाजी किस हद तक बढ़ चुकी है। इस हंगामे के बाद, संसद की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हुआ और सांसदों को शांत करने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी।