कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।
गोण्डा शहर में पंद्रहवे वें वित्त आयोग के अंतर्गत गुरूनानक चौक से गुड्डूमल चौराहा तक कराए जा रहे इण्टरलॉकिंग व सौंदर्यीकरण कार्य में बड़े पैमा ने पर अनियमितता उजागर होने के बाद जिलाधि कारी नेहा शर्मा ने न सिर्फ उसका संज्ञान लिया, बल्कि जांच कराई जिसमें कराए जा रहे कार्य की गुणवत्ता में गंभीर खामियां उजागर हुईं,जिसके आ धार पर सोमवार को उन्होंने इंटरलॉकिंग उखाड़ कर दोबारा कराए जाने के साथ ही भुगतान में निय मानुसार कटौती करने के भी निर्देश दिए।इस प्रकर ण में अपर उप जिलाधिकारी द्वितीय विशाल कुमा र द्वारा प्रस्तुत संयुक्त जांच आख्या में यह सामने आया कि लगभग 255 मीटर लंबे इस कार्य में बेस कोर्स में प्रयुक्त ब्रिक बैसाल्ट में अत्यधिक मात्रा में बालू की मिलावट पाई गई,जबकि ब्रिक बैसाल्ट की मात्रा अत्यंत कम थी।इसके साथ ही, इंटरलॉ किंग में प्रयुक्त ईंटों की औसत संपीड़न क्षमता 31.10 न्यूटन/वर्ग मिमी रही, जो कि मानक 35 न्यूटन/वर्ग मिमी से कम है।जांच रिपोर्ट में कार्य को अधोमानक व अस्वीकार्य माना गया।इसके मद्देन जर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने न सिर्फ सम्पूर्ण कार्य को तत्काल उखाड़ने और मानकों के अनुरूप दोबारा निर्माण कराने के आदेश दिए,बल्कि भुगता न में कटौती कर दोषियों की जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश जारी किए। इस पूरे मामले में संबंधित नगर निकाय अधिकारि यों को भी कड़ी चेतावनी दी गई और उनके विरूद्ध लिखित चेतावनी पत्र जारी किया गया है।सोमवार को डीएम नेहा शर्मा द्वारा जारी आदेश की मंगल वार को ही धज्जियां उड़ते हुए देखी गयीं।जिला महिला अस्पताल के सामने मजदूर इंटरलॉकिंग उखाड़कर उस स्थान पर गिट्टी (बोल्डर) अथवा ईंट के टुकड़ों को डालने के बाद उस पर बालू डाल रहे थे, जबकि जानकारों का कहना है कि कम से कम चार इंच गिट्टी (बोल्डर) डाला जाना चाहिए।उसके बाद रोड रोलर चलाकर जमीन तैयार की जाती है, फिर इंटरलॉकिंग बिछाई जानी चाहिए।लेकिन यहां नियम दरकिनार करके काम किया जा रहा है।गिट्टी (बोल्डर) डालने के बाद न तो कुटाई हो रही है और न ही रोड रोलर चलाया जा रहा है। लोगों का कह ना है कि इंटरलॉकिंग ईंट भी मानक के अनुसार नहीं है।ऐसे में बनते ही इंटरलॉकिंग के टूट जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताते चलें कि एक करोड़ तीस लाख रूपए की लागत से बनने वाले करीब 255 मीटर लम्बे इस इंटरलॉकिंग कार्य का ठेका मेसर्स शशि इंडस्ट्रीज को मिला है,जिसकी प्रोपराइटर शशि बाला श्रीवा स्तव हैं।सूत्र बताते हैं कि इस कार्यदाई संस्था का नेटवर्क जिले के एक पूर्व सांसद से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि डीएम नेहा शर्मा की सख्ती, चेता वनी और कार्रवाई का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। दिनांक 08.05.2025 को नगर पालिका परिषद गोण्डा द्वारा मेसर्स शशि इंडस्ट्रीज,प्रो.शशि बाला श्रीवास्तव,निवासी जानकी नगर, बहराइच रोड, गोण्डा को नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि कार्यालय जिलाधिकारी, गोण्डा के पत्रांक संख्या 1140/ओएसडी दिनांक 06 मई 2025 के संबंध में आपको अवगत कराना है कि मोहल्ला पटेल नगर में गुड्डूमल चौराहा पर स्थित डॉक्टर लेले क्लीनिक से गुरूनानक चौक तक दोनों पटरी पर सौंदर्यीकरण कार्य अवरूद्ध होने के कारण जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी जताई गई है, जिसका कार्यादेश 03.04.2025 को आप के द्वारा प्राप्त किया गया है।निविदा में दी गयी अवधि के अनुसार उक्त कार्य तीन माह में पूर्ण किया जाना था,परंतु आपके द्वारा कार्य प्रारंभ करने के बाद उक्त कार्य को बीच में ही रोक दिया गया है जिससे जनता व दुकानदारों को काफी दिक्कतों का साम ना करना पड़ रहा है।कई बार निर्देश देने के बाद भी कार्य में रूचि नहीं लिया जा रहा है और अत्यंत शिथिलता बरती जा रही है,जबकि उक्त कार्य जि लाधिकारी द्वारा प्राथमिकता पर लिया गया है।ऐसे में सूचना प्राप्त होने के तीन दिवस के अंदर उपरो क्त निर्माण कार्य प्रारंभ कराकर सूचित करें, अन्य था की दशा में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।