कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए आज 1 जुलाई से पुराने वाहनों पर ईंधन भरवाने पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों और दिल्ली सरकार के आदेशों के तहत अब 10 वर्ष से पुराने डीजल और 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों में किसी भी पेट्रोल पंप या सीएनजी स्टेशन पर ईंधन नहीं डाला जाएगा। इस आदेश को लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के साथ मिलकर कुल 350 टीमें गठित की हैं, जिन्हें शहर के अलग-अलग 498 पेट्रोल पंपों पर तैनात किया गया है। यह टीमें पुराने वाहनों की पहचान करेंगी, उन्हें जब्त करेंगी और संबंधित वाहन मालिकों पर चालान जारी दिल्ली के 520 पेट्रोल पंपों में से 498 पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगाए जा चुके हैं, जिनकी मदद से प्रतिबंधित वाहनों की पहचान की जाएगी। इसमें 382 पेट्रोल और डीजल स्टेशन तथा 116 सीएनजी स्टेशन शामिल हैं।
टीमों की जिम्मेदारी और तैनाती योजना:
दिल्ली पुलिस के जवान 1 से 100 नंबर वाले फ्यूल स्टेशनों पर तैनात रहेंगे।
परिवहन विभाग 101 से 159 नंबर वाले फ्यूल स्टेशनों पर 59 टीमें तैनात करेगा।
हर चिन्हित पंप पर एक यातायात पुलिस अधिकारी निगरानी करेगा।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो अतिरिक्त कर्मी हर पंप पर तैनात रहेंगे।
यदि कोई प्रतिबंधित वाहन पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने पहुंचता है, तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा और वाहन मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली में अब ऐसे सभी ईएलवी (End of Life Vehicle) वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी राज्य में पंजीकृत क्यों न हो।अगर कोई वाहन अपार्टमेंट की साझा पार्किंग में खड़ा है, तो उसे भी उठाया जा सकता है। केवल घर के अंदर की पार्किंग को निजी माना जाएगा।
यदि कोई वाहन किसी मुकदमे में शामिल है और उसकी उम्र पूरी हो गई है, तो वाहन मालिक को इस बारे में जानकारी वाहन पर चिपकाकर प्रदर्शित करनी होगी, ताकि जब्ती के समय इसे दिखाया जा सके। अगर परिवहन विभाग की टीम वाहन उठा लेती है और बाद में मालिक दावा करता है कि उसमें उसका सामान रह गया है, तो उसे एक दिन का समय दिया जाएगा, ताकि वह अपना सामान निकाल सके। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 2018 और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2014 के आदेशों के पालन में लिया गया है, जिसमें 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर दिल्ली में प्रतिबंध लगाया गया था। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से यह कदम दिल्ली के लिए एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी रियायत नहीं दी जाएगी।