कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
गोण्डा के मनरेगा में फर्जी मस्टररोल और फर्जी भुगतान के मामले में वजीरगंज ब्लॉक का नाम सबसे पहले सामने आता था।लेकिन एक गाँव में एक कहावत कही जाती है कि तरबूज को देखकर खरबूज भी रंग बदलता है।ठीक उसी तरह वजीरगंज ब्लॉक भी उन ब्लॉकों की तरह मनरेगा कार्यों में फर्जी मास्टर रोल और उनके भुगतान में सभी ब्लाकों को पीछे छोड़ अव्वल नंबर पर अपनी जड़े जमाने में जुटा हुआ है।हम बात कर है जिले के वजीरगंज विकासखंड में जिम्मेदारों की मिलीभगत से मनरेगा योजना में फर्जी मस्टर रोल का खेल जारी है।सरकारी धन का बंदरबांट आलम यह है कि एक यही फोटो अलग-अलग दिन और ई।भिन्न-भिन्न कार्यों पर अपलोड की जा रही है।इतना बड़ा खेल होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं।बीडीओ,प्रधान व एपीओ,जेई समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी मनरेगा योजना को चूना लगाने में लगे हुए हैं।केन्द्र व प्रदेश सरकार मनरेगा योजना में पारदर्शिता के लिए तमाम कायदे-कानून बना रखी है,जिससे श्रमिकों को गांव में ही काम मिल सके,परन्तु जिले के वजीरगंज विकास खंड की ग्राम पंचा यतो के जिम्मेदार इस योजना में तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर शासनादेश की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं।चंदापुर,अनभुला,राय पुर,अचलपुर,कादीपुर,खानपुर,खीरीडीह,कोडर, के साथ ही करनीपुर,परसापुर,महरौड़,नियामत पुर,नौबस्ता,नयपुर,रसूलपुर,व भोपतपुर इन ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना क़े कार्यों में चल रहे मस्टर रोल में अधिक मजदूरों की जगह बहुत ही कम मजदूर कार्य करते दिखाई दिए।इतना ही नहीं, हद तो यह है कि एक ही फोटो को बार-बार कई मस्टर रोल में अपलोड किया गया है।फर्जी मस्टर रोल के जरिए न सिर्फ सरकारी धन को चूना लगाया जा रहा है, बल्कि योगी सरकार की मंशा पर पानी फेरने का भी काम किया जा रहा है।वहीं ग्रामीणों की मानें तो गांव में कराए जा रहे कार्यों पर कुछ मनरेगा मजदूर ही कार्य करते हैं,बाकी मजदूर कागजों में दिखाई देते हैं।ग्रामीणों के अनुसार, प्रधान द्वारा अपने स्वार्थ के लिए सैकड़ों की संख्या में मनरेगा योजना की लिस्ट में अपने चहेतों का नाम पहले से ही डलवा दिया गया है और उनके नाम पर भुगतान भी होता रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि अगर जिले के सम्बन्धित उच्चाधिकारी मनरेगा योजना के कार्यों का औचक निरीक्षण करें तो जमीनी सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी।अगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इन मामलों को संज्ञान में लेकर कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें तो सरकार के करोड़ों रुपए गबन होने से बच जाएंगे और शायद वजीरगंज ब्लॉक भी सीबीआई जांच की जद में आने से बच जाएगा ईमानदारी पूर्वक जांच हुई तो तमाम जिम्मेदारों की गर्दनें फंस सकती हैं। इस बारे में बात करने पर देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कहा कि जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।वही जब पत्रकारों की टीम ने वजीरगंज ब्लॉक क़े कई गांवों में जाकर कार्यों की सच्चाई देखी तो इक्का दुक्का कार्यों को छोड़ मजदूर तो मजदूर उस दिन गांव में क हीं कोई काम होता धरातल पर और साइड पर मजदूर नहीं दिखे और फर्जी मस्टर रोल चला रहा था।